Punjab में धुंध का कहर, दो दिन तक राहत की उम्मीद नहीं; कई जिलों में दृश्यता शून्य, हवाई सेवाएं प्रभावित
Punjab: पंजाब में पिछले पांच दिनों से धुंध का कहर जारी है। घने धुंध के कारण राज्य की वायु गुणवत्ता अत्यधिक खराब हो गई है। गुरुवार को सुबह पांच बजे के आसपास कई जिलों में दृश्यता पूरी तरह से शून्य हो गई, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वाहन चालक अपनी गाड़ियों की लाइट्स जलाकर रास्ता तय कर रहे थे। मौसम विभाग के अनुसार, इस धुंध से राहत मिलने की संभावना शनिवार तक नहीं है।
दृश्यता शून्य, लोगों को हो रही परेशानी
गुरुवार की सुबह पंजाब के कई जिलों में दृश्यता लगभग शून्य रही। कई स्थानों पर तो लोग वाहन चलाते समय अपनी हेडलाइट्स और टेललाइट्स जलाकर यात्रा करने को मजबूर थे। पंजाब के प्रमुख शहरों में, जैसे अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और बठिंडा में, धुंध की घनी परत ने लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित किया। विशेष रूप से, बठिंडा शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 456 तक पहुंच गया, जो अत्यधिक प्रदूषण को दर्शाता है।
बठिंडा में सबसे खराब वायु गुणवत्ता
बठिंडा शहर गुरुवार को राज्य में सबसे अधिक प्रदूषित रहा, जहां AQI का स्तर 456 तक पहुंच गया। यह स्तर वायु गुणवत्ता के लिए बेहद खराब मापदंड माना जाता है। प्रदूषण के कारण लोग सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहे थे, और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों को घरों में ही रहने की सलाह दी। अस्पतालों में सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है।
धुंध के कारण हवाई सेवा पर असर
धुंध के कारण पंजाब में हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। अमृतसर हवाई अड्डे पर दुबई से अमृतसर और शिमला से अमृतसर की फ्लाइट्स में लगभग तीन से तीन और आधे घंटे की देरी हुई। दिल्ली से अमृतसर जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट भी करीब ढाई घंटे देरी से पहुंची। यात्रियों को इस देरी के कारण असुविधाओं का सामना करना पड़ा, और एयरलाइंस द्वारा भी देर से उड़ान भरने के कारण यात्रियों को बुकिंग और ट्रांसपोर्ट की नई व्यवस्था करनी पड़ी।
पराली जलाने के मामले
पंजाब में इस समय पराली जलाने के मामलों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। गुरुवार को राज्य के पांच स्थानों से पराली जलाने के मामले सामने आए। इनमें से दो मामले कपूरथला, और एक-एक मामले फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना और तरनतारन से थे। हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि धुंध के कारण उपग्रहों से पराली जलाने की स्थिति का पता नहीं चल सका, जिससे वास्तविक आंकड़ा कम दिखाई दे रहा है।
अब तक 7626 मामले दर्ज, सख्ती बढ़ी
अब तक पंजाब में कुल 7626 मामले पराली जलाने के सामने आ चुके हैं। प्रशासन द्वारा इन मामलों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। राज्य सरकार ने अब तक 3545 मामलों में कुल 1.15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इनमें से 92.32 लाख रुपये की वसूली भी की जा चुकी है। इसके अलावा, 3969 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 3531 किसानों की जमीन पर रेड एंट्री भी की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासन ने बढ़ाई कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दंडात्मक कार्रवाई को लेकर कड़ी टिप्पणियों के बाद, पंजाब सरकार और प्रशासन ने किसानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। अब तक हजारों किसानों पर जुर्माना लगाया गया है और एफआईआर भी दर्ज की गई है। प्रशासन ने इस वर्ष पराली जलाने के खिलाफ कठोर कदम उठाने के संकेत दिए थे, और अब इसे तेजी से लागू किया जा रहा है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण स्वास्थ्य संकट
पंजाब में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण राज्य में स्वास्थ्य संकट की स्थिति पैदा हो गई है। वायु प्रदूषण के कारण खांसी, जुकाम, अस्थमा और अन्य श्वसन रोगों के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुर्गों के लिए बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। डॉक्टरों ने लोगों से घरों में रहकर मास्क पहनने और धुंध के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी है।
धुंध के प्रभाव को लेकर मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने कहा है कि फिलहाल धुंध के हालात में कोई सुधार नहीं होने की उम्मीद है और यह स्थिति शनिवार तक बनी रह सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक पंजाब में प्रदूषण और धुंध का स्तर उच्च स्तर पर बना रहेगा। सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे बाहर निकलने से बचें और यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो वे मास्क पहनकर ही बाहर जाएं।
पंजाब में पांच दिनों से जारी धुंध और प्रदूषण की स्थिति ने राज्यवासियों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। राज्य में प्रदूषण के स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और इस बीच पराली जलाने के मामलों में भी वृद्धि हुई है। हालांकि, सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन प्रदूषण से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है। नागरिकों को भी प्रदूषण से बचाव के उपायों को अपनाना होगा ताकि इस गंभीर समस्या का समाधान हो सके।